सूर्यास्त के बाद भोजन करने से क्या होता है? AI
सिर्फ सूरज निकलने के बाद ही भोजन करने (यानि सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच भोजन) का अभ्यास कई परंपराओं, आयुर्वेद, और आधुनिक विज्ञान में भी सराहा गया है। इसके लाभ और संभावित नुकसान नीचे दिए गए हैं:
: सूरज निकलने के बाद शरीर का पाचन तंत्र सबसे सक्रिय होता है। इस समय भोजन करने से खाना बेहतर पचता है और गैस, एसिडिटी जैसी समस्याएं कम होती हैं।
: दिन में, खासकर सुबह, शरीर का मेटाबॉलिज्म तेज होता है, जिससे कैलोरी जल्दी बर्न होती है और वजन नियंत्रित रहता है
: सूर्योदय के बाद भोजन करने से ब्लड शुगर लेवल स्थिर रहता है, जिससे डायबिटीज़ का खतरा कम होता है।
: रात को देर से भोजन करने की बजाय दिन में भोजन करने से नींद अच्छी आती है और शरीर में ऊर्जा बनी रहती है।
: सूरज की रोशनी के साथ भोजन करने से शरीर की जैविक घड़ी (circadian rhythm) संतुलित रहती है, जिससे हार्मोन, पाचन और ऊर्जा स्तर बेहतर रहते हैं।
: शुरू-शुरू में दिन के बाकी समय भूख लग सकती है या थकावट महसूस हो सकती है, लेकिन शरीर कुछ दिनों में इस रूटीन के अनुसार ढल जाता है
: बुजुर्ग, बहुत दुबले, या जिनकी विशेष चिकित्सकीय स्थिति है (जैसे डायबिटीज़, किडनी या हार्ट की बीमारी), उन्हें डॉक्टर से सलाह लेकर ही इस रूटीन को अपनाना चाहिए।
: रात को भोजन करने से पाचन धीमा हो जाता है और वजन बढ़ने, ब्लड शुगर बढ़ने, और नींद खराब होने की संभावना रहती है
: आयुर्वेद में भी सूर्योदय के बाद और सूर्यास्त से पहले भोजन को उत्तम माना गया है, क्योंकि इस समय 'अग्नि' (पाचन शक्ति) सबसे मजबूत होती है।
: रिसर्च के अनुसार, दिन में भोजन करने से शरीर की प्राकृतिक घड़ी के अनुसार हॉर्मोन और मेटाबॉलिज्म बेहतर काम करते हैं, जिससे दीर्घकालिक स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं।
सिर्फ सूरज निकलने के बाद ही भोजन करने से पाचन, मेटाबॉलिज्म, ब्लड शुगर, नींद और समग्र स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है। हालांकि, यह रूटीन हर किसी के लिए उपयुक्त नहीं है, इसलिए अपनी स्वास्थ्य स्थिति और आवश्यकताओं के अनुसार डॉक्टर या डाइटिशियन से सलाह जरूर लें
टिप्पणियाँ